Rishikesh
is a famous religious place also known as the Yoga Capital of the World.
Rishikesh is popular amongst devotees, yoga persons and adventurers as well.
Located on the banks of the sacred Ganga River, Rishikesh attracts thousands of
pilgrims every day from India as well as abroad. There are several ancient
temples and ashrams in Rishikesh which are associated with our mythological and
historical background. A dip in the holy water of Ganges flowing from the river
beaches of Rishikesh is capable of washing all the sins of a person. Rishikesh
is also popular because it acts as the starting point for salvation trip to the
Char Dham pilgrimage which includes Badrinath,
Kedarnath, Gangotri, and Yamunotri.
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ऋषिकेश को पवित्र तीर्थ माना जाता है। गढ़वाल, उत्तरांचल में हिमालय पर्वतों के तल में बसा ऋषिकेश धार्मिक दृष्टि के अतिरिक्त अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। हिमालय की निचली पहाड़ियों और प्राकृतिक सुन्दरता से घिरे इस धार्मिक स्थान से बहती गंगा नदी इसे अतुल्य बनाती है। ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है। कहा जाता है कि इस स्थान पर ध्यान लगाने से मोक्ष प्राप्त होता है। हर साल यहाँ के आश्रमों में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री ध्यान लगाने और मन की शान्ति के लिए आते हैं। ऋषिकेश पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल है। विदेशी पर्यटक भी यहाँ आध्यात्मिक सुख की चाह में नियमित रूप से आते रहते हैं।
स्थिति
भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में एक ऋषिकेश है जो उत्तराखण्ड में समुद्र तल से 1360 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। हिमालय का प्रवेश द्वार ऋषिकेश हरिद्वार से लगभग 20-25 किलोमिटर की दूरी पर स्थित है यहाँ से पर्वतों के राजा हिमालय का साम्राज्य शुरू हो जाता है।
कथा
ऋषिकेश से संबंधित अनेक धार्मिक कथाएँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकला विष शिव ने इसी स्थान पर पिया था। विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ महादेव के नाम से जाना गया। एक अन्य अनुश्रूति के अनुसार भगवान राम ने वनवास के दौरान यहाँ के जंगलों में अपना समय व्यतीत किया था। रस्सी से बना लक्ष्मण झूला इसका प्रमाण माना जाता है। 1939 ई. में लक्ष्मण झूले का पुनर्निर्माण किया गया। यह भी कहा जाता है कि ऋषि राभ्या ने यहाँ ईश्वर के दर्शन के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ऋषिकेश के अवतार में प्रकट हुए। तब से इस स्थान को ऋषिकेश नाम से जाना जाता है।
यातायात व परिवहन
वायुमार्ग
ऋषिकेश से 18 किलोमिटर की दूरी पर देहरादून के निकट जौली ग्रान्ट एयरपोर्ट नज़दीकी एयरपोर्ट है। इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइटें इस एयरपोर्ट को दिल्ली से जोड़ती है।
रेलमार्ग
ऋषिकेश का नज़दीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार है जो 25 किलोमिटर दूर है। हरिद्वार देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग
दिल्ली के कश्मीरी गेट से ऋषिकेश के लिए डीलक्स और निजी बसों की व्यवस्था है। राज्य परिवहन निगम की बसें नियमित रूप से दिल्ली और उत्तराखंड के अनेक शहरों से ऋषिकेश के लिए चलती हैं।
स्थिति
भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में एक ऋषिकेश है जो उत्तराखण्ड में समुद्र तल से 1360 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। हिमालय का प्रवेश द्वार ऋषिकेश हरिद्वार से लगभग 20-25 किलोमिटर की दूरी पर स्थित है यहाँ से पर्वतों के राजा हिमालय का साम्राज्य शुरू हो जाता है।
कथा
ऋषिकेश से संबंधित अनेक धार्मिक कथाएँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकला विष शिव ने इसी स्थान पर पिया था। विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ महादेव के नाम से जाना गया। एक अन्य अनुश्रूति के अनुसार भगवान राम ने वनवास के दौरान यहाँ के जंगलों में अपना समय व्यतीत किया था। रस्सी से बना लक्ष्मण झूला इसका प्रमाण माना जाता है। 1939 ई. में लक्ष्मण झूले का पुनर्निर्माण किया गया। यह भी कहा जाता है कि ऋषि राभ्या ने यहाँ ईश्वर के दर्शन के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ऋषिकेश के अवतार में प्रकट हुए। तब से इस स्थान को ऋषिकेश नाम से जाना जाता है।
यातायात व परिवहन
वायुमार्ग
ऋषिकेश से 18 किलोमिटर की दूरी पर देहरादून के निकट जौली ग्रान्ट एयरपोर्ट नज़दीकी एयरपोर्ट है। इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइटें इस एयरपोर्ट को दिल्ली से जोड़ती है।
रेलमार्ग
ऋषिकेश का नज़दीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार है जो 25 किलोमिटर दूर है। हरिद्वार देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग
दिल्ली के कश्मीरी गेट से ऋषिकेश के लिए डीलक्स और निजी बसों की व्यवस्था है। राज्य परिवहन निगम की बसें नियमित रूप से दिल्ली और उत्तराखंड के अनेक शहरों से ऋषिकेश के लिए चलती हैं।
Rishikesh
is the ideal destination for adventurer’s activities like rafting, trekking,
rock climbing, kayaking, mountaineering etc.
Rishikesh
is situated 25kms ahead of Haridwar at an elevation of 356mts above sea level.
Rishikesh consists of three distinct areas known as Rishikesh, Swargashram and
Muni-ki-Reti. It is believed that when Raibhya Rishi did rigorous penances
here, the God appeared to name the place as Hrishikesh and subsequently the
place came to be known as Rishikesh. Numerous spiritual Yoga and meditation
centres are located at Rishikesh which are regularly visited by large number of
tourists from all over the world.
Rishikesh is a
Yoga capital of India and famous for Yoga, Spa Meditation, Rafting and Camping,
Adventure tourism in India. Rishikesh is best weekend getaway break destination
from Delhi.
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